चलते रहना बहुत ज़रूरी है,
दिल की कहना बहुत ज़रूरी है,
देखो, सागर बनेंगे ये आंसू,
इनका बहना बहुत ज़रूरी है।
शहर आँखों में समेटे जा रहे हैं,
स्वार्थ की परतें लपेटे जा रहे हैं,
छोड़कर माँ-बाप बूढ़े, कोठरी में,
बीवियों के संग बेटे जा रहे हैं.
अब इनकी किस्मत है चाहे जितनी दूर तलक जाएँ, मैंने कोरे कागज़ पर अल्फाज़ के पंछी छोड़े हैं।
चलते रहना बहुत ज़रूरी है,
दिल की कहना बहुत ज़रूरी है,
देखो, सागर बनेंगे ये आंसू,
इनका बहना बहुत ज़रूरी है।
शहर आँखों में समेटे जा रहे हैं,
स्वार्थ की परतें लपेटे जा रहे हैं,
छोड़कर माँ-बाप बूढ़े, कोठरी में,
बीवियों के संग बेटे जा रहे हैं.
Kya bat hai !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंwahwa.....
जवाब देंहटाएंआपका संपर्क सूत्र ढूंढा पर कहीं नहीं मिला. अभिषेक मीडिया स्टूडेंट पटना से.
जवाब देंहटाएंwah kya baat kahi hey.......
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